चलो एक किस्सा सुनाये इमोशनल अत्याचार का
किसी पे चढ़ा था बुखार प्यार का
दुनिया से बेखबर,ना खबर थी घडी की
वो दोनों प्यार में थे खोये,थी सपने की सहर
हर तरफ थी ख़ुशी की एक लहर
प्यार में कब सुबह कब शाम हुई,
उन्हें कुछ नहीं थी खबर,
लगी उनके प्यार को किसी की नज़र
उल्फत से उफ़ का सफ़र था कातिल,
उसके मम्मी पापा को पता चला तो हुई मुश्किल
उसके मम्मी पापा उसे ऑस्ट्रेलिया ले गए
उस दीवाने को अकेला और अकेला कर गए
टुटा सपना बिखर गया
फ़ोन का सिलसिला भी कम होता गया
एक दिन उस दीवाने को उस लड़की ने फ़ोन किया
दिल का सारा हाल बोल दिया
बोली वो अब नहीं कुछ हो सकता है
उस दीवाने का दिल ,आज भी कही नहीं लगता है
हर जगह उसके ही ख्यालों में रहता है
दिल में आज भी वो बसी है,न जाने वो कहा रहता है
भूल जाने को कहा और वो खुद को भूल गया
सपनो का वो महल न जाने कैसे टूट गया
उसने मुझे हाल-ए दिल यूँ बयां किया
इतना इमोशनल अत्याचार आखिर क्यूँ हुआ
टुटा सपना बिखर गया
फ़ोन का सिलसिला भी कम होता गया
एक दिन उस दीवाने को उस लड़की ने फ़ोन किया
दिल का सारा हाल बोल दिया
बोली वो अब नहीं कुछ हो सकता है
उस दीवाने का दिल ,आज भी कही नहीं लगता है
हर जगह उसके ही ख्यालों में रहता है
दिल में आज भी वो बसी है,न जाने वो कहा रहता है
भूल जाने को कहा और वो खुद को भूल गया
सपनो का वो महल न जाने कैसे टूट गया
उसने मुझे हाल-ए दिल यूँ बयां किया
इतना इमोशनल अत्याचार आखिर क्यूँ हुआ
5 comments:
wah wah!!
wah!!!wah!!!
thanks thanks
bohot khooob kahaa......pratibha gulzar ne :)
thanks rachu .
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