मैं हूँ अन्ना
मैं रहूँ ना रहूँ
क्रान्ति की ये मशाल
युही जलती रहनी चाहिए
ये पंक्तियाँ प्रेरित कार्ति हैं
हर उस व्यक्ति को जो भारतीय हैं
ये गूंज, ये नारे युही चलते रहने चाहिए
ये हैं ऊर्जा के शोत्र
मेरे लिए
कोन हूँ मैं
ये सब जानते हैं
बच्चे बच्चे की ज़ुबा पर हैं मेरा नाम
मैं हूँ अन्ना
वो हर इन्सान अन्ना हैं
जिसमे अन्ना के विचार हैं
पर वो एक हि अन्ना हैं
जिसने उठाई हैं मशाल
एक ऐसी सोच दी हैं
आजादी क नया अर्थ
आजादी की लडाई भ्रष्टाचार से
भ्रष्टाचार के शिकंजे से
लोगों को बचाने की कोशिश
ये शिकंजा जो कस्ट ज रहा था लोगों को
अब लोकपाल बिल इस शिकंजे से मुक्त करेगा लोगों को
मैं हूँ अन्ना
और येही मेरा लक्ष्य हैं
क्रान्ति की ये मशाल यूहि जलती रहनी चाहिए
मैं रहूँ ना रहूँ..................
4 comments:
If corruption is a virus, then anna hazare's proposed jan lok pal bill is an anti-virus
anna reminds us of rabindra nath tagore, "Where the mind is without fear and the head is held high.........."
क्रान्ति की ये मशाल यूहि जलती रहनी चाहिए unless we achieve of our goal for making India corruption free....
unfortunately, I am not Anna....
Beautifully written as always... Corruption can only be rooted out if each and every person decides against it!!
So nice to see your post once again, hope you are doing well...
Have a wonderful week ahead Pratibha:)
PS - My Pc has gone bad so could not promote your post, writing from mobile.
thanks Doc, Irfan sir and Arti for the wonderful comment.
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